हम सहस्राब्दी में आ गए
बेबसी, बेकारी, भुखमरी
जिल्लतें, दर्द और ग़म भी
हमारे साथ-साथ
यहॉ तक आ गए
समय चीखकर
कह रहा है
इस व्यवस्था को
बदल डालो
नेता कहते हैं
हमारी करतूतों पर
परदा डालो
आओ!
सहस्राब्दी का जश्न मना लो...
गुरुवार, जुलाई 23, 2009
आओ! जश्न मना लो...
लेबल: देश की तस्वीर, नई सदी, बेकारी, बेबसी, व्यवस्था
Writer रामकृष्ण गौतम पर गुरुवार, जुलाई 23, 2009
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1 Responzes:
हम सहस्राब्दी में आ गए
बेबसी, बेकारी, भुखमरी
जिल्लतें, दर्द और ग़म भी
हमारे साथ-साथ
यहॉ तक आ गए
सच है .. बहुत बढिया !!
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