हाल ही में एक खबर आई है कि अब सिगरेट के पैकेटों में एक फ्री कूपन मिलेगा जो किसी भी कैंसर अस्पताल में फ्री कैंसर चैकअप में मददगार होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह पहल सिगरेट के पैकेट्स के 40 प्रतिशत भाग में पूर्व दिए गए 'स्मोकिंग किल्स' के विज्ञापन की असफलता के बाद शुरू की है।
उल्लेखनीय है कि भारत में हर साल करीब 9 लाख लोग सिगरेट की वजह से कैंसर के शिकार होकर दम तोड़ देते हैं। अब भारत के आंकड़ों में हम हर साल 9 लाख लोगों को स्वर्गीय बनता देख रहे हैं तो पूरे विश्व के आंकड़े तो हमें बेहोश ही कर देंगे। शायद यही वजह कि मैं दुनिया भर में सिगरेट की वजह से मरने वालों के आंकड़े पेश नहीं कर रहा हूं।
स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मिलकर इस मुहीम को शुरू किया है। मेनका गांधी ने सुझाव दिया है कि सिगरेट बेचने वाली कंपनियों को पैकेट में फ्री कूपन देना चाहिए। इससे पहले लोगों को तम्बाकू उत्पादों के खतरे से आगाह करने के लिए डिब्बों पर बिच्छू की तस्वीर छापने का फैसला किया जा चुका है लेकिन ये तरीका भी बहुत कारगर साबित नहीं हुआ। ज्यादातर लोगों का मानना है कि सिर्फ तस्वीरें दिखाकर किसी को खतरे का एहसास नहीं कराया जा सकता। हो सकता है सरकार की इस नई पहल से लोग सिगरेट से होने वाले खतरों के प्रति जागरूक हो जाएं और सिगरेट छोड़ दें।
खैर!... खुदा खैर करे इन सिगरेट पीने वालों की!... और सद्बुद्धि दे ताकि ये सिगरेट के धुंए का छल्ला बनाना छोड़ें और एक बेहतर भविष्य का जाला बुनने की ओर ध्यान दें!...
तमाम शुभकामनाओं के साथ
राम कृष्ण गौतम
शनिवार, दिसंबर 05, 2009
सिगरेट के डिब्बों में फ्री कूपन जल्द...
लेबल: कूपन, मुहिम, सिगरेट, स्वास्थ्य मंत्रालय
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