शनिवार, अगस्त 01, 2009

कॉलेज का तीसरा दिन और...

बात उन दिनों की है जब मैंने अपने Home Town डिंडोरी के एकमात्र महाविद्यालय सीवी कॉलेज में BSc फर्स्ट इयर में दाखिला लिया था. मैं पत्रकारिता जगत और पत्रकारिता के कोर्स में आने से पहले BSc का छात्र था. कॉलेज में तीसरा दिन था. मैंने अभी तक किताबे नहीं खरीदी थी. इसलिए महज़ एक कोरे पन्नो वाली कापी लेकर Chemistry की क्लास में बैठ गया. आगे लिखने से पहले मैं बता दूं कि स्कूल लाइफ में मेरा रिकार्ड एकदम साफ़ था यानि पढने लिखने के साथ-साथ अन्य गतिविधिओं में भी मैं A+ ग्रेड लाता था (मात्र डांसिंग छोड़कर). मेरी क्लास में लगभग सभी क्लासमेट्स 12th के ही थे. सब मुझे बहुत अच्छे से जानते थे. हमारी क्लास में Chemistry रचना मेडम पढाती थी. उन्होंने सबसे पहले नए छात्रों का Intro लिया फिर Logrithem पढाना शुरू किया. हमारी क्लास में रचना मेडम का पहला दिन था. इसलिए उन्होंने Basic से पढाना शुरू किया. सबसे पहले उन्होंने Log10 का मान पूछा. हम में से बहुतों को उसका मान मालूम था लेकिन नई नवेली मेडम को देखकर कोई भी हाथ नहीं उठा पाया. मैं भी नहीं. हम लोग न तो उनके स्वभाव से परिचित थे और न ही उनकी बोली-भाषा से. इसलिए हम सभी चुप बैठे थे और अपना नंबर आने का इंतज़ार कर रहे थे. मैं भी उन्ही में से था और सोच रहा था की मेडम मुझसे पूछें। काफी देर हो गई पर मेरा नम्बर नहीं आया. अचानक मेरा ध्यान क्लासरूम से निकल बाहर क्रिकेट ग्राउंड की ओर चला गया और मैं खिड़की से बाहर झाँककर Match देखने लगा. ठीक उसी वक़्त मुझे ऐसा सुनाई पड़ा मानो किताबों का ज़िक्र चल रहा है. मेरे एक मित्र ने भी मुझसे ऐसा ही कुछ कहा. उसी समय मेडम की मेरी ओर निगाहें पड़ी. मैं बाहर की ओर झांकता हुआ उन्हें खेल देखने में व्यस्त नज़र आया. उन्होंने बड़ी जोर से मेरा नाम पुकारते हुए Log10 का मान पूछा! चूंकि मेरा ध्यान कही और था और ठीक उसी वक़्त किताब खरीदने का ज़िक्र हो रहा था तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेडम मुझसे किताबों के बारे में पूछ रही हैं. मैंने झट ही उत्तर दिया - No Maam! मेरा No कहते ही मेरे सारे क्लासमेट्स टकटकी लगाए मेरी ओर देखने लगे. उनके चेहरे पर आश्चर्य की छाया थी. वो सोच रहे थे की जिसने हमें Log का पूरा Table याद कराया है वही Log10 का मान नहीं बता पा रहा है. लेकिन बात तो कुछ और ही थी. खैर! मेडम को मेरा उत्तर सटीक नहीं लगा और उन्होंने मुझे ust Get Out Of The Classroom का आदेश दें डाला. इतना सुनते ही मैं दंग रहा गया और अपने चारों ओर देखने लगा. ठीक उसी वक़्त एक ने झट ही मुझसे कहा - भाई! मेडम Log10 का मान पूछ रही हैं. मैंने मेडम को कोई सफाई न देते हुए Log10 is equal to ONE कहते हुए क्लासरूम से बाहर निकल गया.

यादें...!


यादें... यादें दो तरह की होती हैं; एक अच्छी यादें, दूसरी बुरी यादें. अच्छी यादें उन खुशबूदार फूलों की तरह होती हैं जिन्हें अगर कोई हमारी तरफ फेंकता है तो वो हमारी धडकनों से टकराकर हमारी रूह को तक महका देती हैं. बुरी यादें; बुरी यादें उन कंटीले पत्थरों की तरह होती हैं जो हमसे टकराकर एक अनकहा और कभी न भुला सकने वाला दर्द पैदा करती हैं. पर विडंबना ये है कि हम मनुष्य हैं और हमारी ज़िन्दगी इन दोनों यादों के बगैर नहीं चल सकती.

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