शुक्रवार, जुलाई 10, 2009

दिल में न हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती...


दिल में न हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती।
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती।
कुछ लोग यूँही शहर में हमसे भी ख़फा हैं।
हर एक से अपनी भी तबीयत नहीं मिलती।
देखा था जिसे मैंने कोई और था शायद।
वो कौन है जिससे तेरी सूरत नहीं मिलती।
हंसते हुए चेहरों से है बाज़ार की ज़ीनत।
रोने को यहाँ वैसे भी फुरसत नहीं मिलती।

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