सहस्राब्दी का सबसे लंबा कंगन सूर्यग्रहण शुक्रवार १५ जनवरी २०१० को देखा गया। हालाँकि इस दुर्लभ नजारे को भारतीय उपमहाद्वीप के केवल कुछ ही हिस्सों में ही देखा जा सका। सूर्यग्रहण को देखने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसा अगला सूर्यग्रहण 1033 साल बाद 24 दिसंबर 3043 को दिखाई देगा।
यह वैज्ञानिक प्रक्रिया धनुषकोडि में प्रात: 11 बज कर 17 मिनट पर शुरू हुई और चंद्रमा की छाया से सूर्य छिपता सा प्रतीत हुआ।
जैसे ही सूर्यदेव ग्रहण की रेखा को पारकर बाहर आए, मंदिरों के कपाट खुल गए और श्रद्धालुओं ने इश्वर के समक्ष माथा टेका!...
यह वैज्ञानिक प्रक्रिया धनुषकोडि में प्रात: 11 बज कर 17 मिनट पर शुरू हुई और चंद्रमा की छाया से सूर्य छिपता सा प्रतीत हुआ।
जैसे ही सूर्यदेव ग्रहण की रेखा को पारकर बाहर आए, मंदिरों के कपाट खुल गए और श्रद्धालुओं ने इश्वर के समक्ष माथा टेका!...
1 Responzes:
बहुत अच्छा विश्लेषण है राम जी...
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