रविवार, अगस्त 23, 2009

तुमने मेरे पथरीले घर में क़दम रखा..!

तुमने मेरे पथरीले घर में क़दम रखा
और वहाँ से एक मीठे पानी का झरना फूट पड़ा



मैं इस करिश्मे से ख़ुश हूँ और परेशान भी
अगर मुझे मालूम होता कि इस ख़ुशी की एवज़ में
उदासी तुम्हारे दिल में घर कर जाएगी
तो मैं...

5 Responzes:

Udan Tashtari ने कहा…

क्या बात है!! वाह!

गणेश-चतुर्थी की शुभकामनायें

समय चक्र ने कहा…

वाह! क्या बात है

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बढिया!!

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

कदम पर दमदार रखा।

Meenu Khare ने कहा…

तुमने मेरे पथरीले घर में क़दम रखा
और वहाँ से एक मीठे पानी का झरना फूट पड़ा.

वाह भाई वाह! उत्तम अभिव्यक्ति. बधाई.

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