कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई!
जिसको चाहा उसे अपना ना सके जो मिला उससे मुहब्बत ना हुई!!
जिससे जब तक मिले दिल ही से मिले दिल जो बदला तो फसाना बदला!
रस्में दुनिया की निभाने के लिए हमसे रिश्तों की तिज़ारत ना हुई!!
दूर से था वो कई चेहरों में पास से कोई भी वैसा ना लगा!
बेवफ़ाई भी उसी का था चलन फिर किसीसे भी शिकायत ना हुई!!
वक्त रूठा रहा बच्चे की तरह राह में कोई खिलौना ना मिला!
दोस्ती भी तो निभाई ना गई दुश्मनी में भी अदावत ना हुई!...
शनिवार, नवंबर 28, 2009
जो मिला उससे मुहब्बत ना हुई...
Writer रामकृष्ण गौतम पर शनिवार, नवंबर 28, 2009
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3 Responzes:
वक्त रूठा रहा बच्चे की तरह राह में कोई खिलौना ना मिला!
दोस्ती भी तो निभाई ना गई दुश्मनी में भी अदावत ना हुई!...
gzl ka ye sher
l a j a w a a b !!
Ghalti appki hai, Jo mila usi se mohaabat kar lete. Fir Mohabbat ki kya mazal ki wo na ho. Kyo Znab..?
nICE gHAZAL..
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