कई दिनों से मेरा मन मेरे दिमाग पर हावी हो रहा है. कारण जानने की कोशिश की तो कुछ ख़ास हाथ नहीं आया. बस बेबसी और मायूसी के सिवा. मैंने अपने मन पर काबू पाने के सारे उपाय अपना लिए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. रोज़ रात को यह सोचकर सोता हूँ कि अगली सुबह एक नई ताजगी और स्फूर्ति के साथ दिन की शुरुआत करूंगा लेकिन हर अगली सुबह ठीक वैसी ही होती है जैसे कि पिछली सुबह थी, उदास और ग़मगीन. धीरे-धीरे समय बीतता जा रहा है और समय के साथ बढ़ता जा रहा है तनाव. एक ऐसा तनाव जो पता नहीं कब ख़त्म होगा. खत्म होगा भी या नहीं..? ये वक्त की बात है, फिलहाल तो यह ख़त्म होने का नाम ही ले रहा है. इतना तनाव मेरे जीवन में कभी नहीं आया. शायद इसीलिए मैं ज़रा विचलित सा हो गया हूँ. क्या ऐसा सबके साथ होता है या फिर मैं इसका पहला शिकार हूँ..? हालाँकि खुद के बनाए हुए रिश्तों को निभाने के लिए इतना तनाव झेलना लाजिमी है. माँ, बाप, भाई, बहन जैसे रिश्ते तो खून के रिश्ते हैं, इन्हें तो रोकर या हंसकर, मरकर या जीतेजी निभाना ही पड़ेगा, लेकिन खुद के बनाए हुए, निजी रिश्तों को निभाने के लिए बहुत सारी झंझटों और अनावश्यक तनावों का सामना करना पड़ता है. इन रिश्तों को हंसते हुए और जीतेजी ही निभाना पड़ता है. फिलहाल तो वही कर रहा हूँ. शायद कोशिशों में कुछ कमी है. इसीलिए वक़्त मुझसे ज़रा आगे है. खैर! अब जब दिल लगाने की जुर्रत कर ही ली है तो अंजाम की परवाह करना कायरता होगी. मैं महज़ तनाव के गिरफ्त में जकडा हुआ हूँ. हारा नहीं हूँ और न ही हारूँगा. अगर इस रिश्ते की बुनियाद मैंने रखी है तो इसे एक बेहतर अंजाम तक पंहुचाकर ही दम लूँगा. इसमे कई रोडे आएँगे, मैं इससे भलीभांति परिचित हूँ. इसके लिए मैंने अपने मन को तैयार करना भी धुरु कर दिया. बस दुआ कीजिए कि मेरा मन मेरे आदेशों का पालन करे और वक्त आने पर मुझे मार्गदर्शित करे. बाकी मैं संभाल लूँगा.
शुभरात्रि!!!
बुधवार, अगस्त 12, 2009
अंधियारी रात और उजियारे की आस...
लेबल: मन की बात
Writer रामकृष्ण गौतम पर बुधवार, अगस्त 12, 2009
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3 Responzes:
yahi to jindagi ke tanaw hai our inpar hi to hame vijay pana hai ...........pyar me kabhi kabhi aisa bhi hota hai chhoti si baat ka fasana to banata hai bhai.....our kya kahe
दृढ संकल्प शक्ति कभी आपको थकने नहीं देगी ....
khud se yun ladna aasaan nahi, par kehte hai na humne kab kuch aasaani se paaya hai..
Chalo ek ladayi khud se hi sahii..
-Sheena
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