मंगलवार, जुलाई 07, 2009

वो जब याद आया...


दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तेरी याद थी अब याद आया
आज मुश्किल था सम्भलना ऐ दोस्त
तू मुसीबत में अजब याद आया
दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से
फिर तेरा वादा-ए-शब याद आया
तेरा भूला हुआ पैमान-ए-वफ़ा
मर रहेंगे अगर अब याद आया
फिर कई लोग नज़र से गुज़रे
फिर कोई शहर-ए-तरब याद आया
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़सत हुए तब याद आया
बैठ कर साया-ए-गुल में "नासिर"
हम बहुत रोये वो जब याद आया..!!

3 Responzes:

ओम आर्य ने कहा…

यादे कुछ ऐसी ही होती है .............आप अपने प्रेम मे डुबे लगते है

Udan Tashtari ने कहा…

सही तस्वीर से तारतम्य बैठा है!

Unknown ने कहा…

ek khushnuma ehsaas !

waah !

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