रविवार, जनवरी 17, 2010

अज़नबी शहर के अज़नबी रास्ते...

अज़नबी शहर के अज़नबी रास्ते
मेरी तनहाई पर मुस्कुराते रहे
मैं बहुत दूर तक बस यूं ही चलता रहा
तुम बहुत दूर तक याद आते रहे
ज़हर मिलता रहा और जाम हम पीते रहे
रोज़ ही मरते रहे और रोज़ ही जीते रहे
ज़िन्दगी भी हमें आजमाती रही
एक दिन ऐसा हुआ कि
मैं ज़रा सा थक गया
थक के सोचा बैठ लूं मैं
एक किनारे पर कहीं
उसी किनारे पर पेड़ की कुछ पत्तियाँ
जाने क्या थी कह रहीं
उन बातों को सुनकर भी मैं
सबकुछ अनसुना सा कर गया
ज़ख्म भी भरते रहे और
मैं यूं ही चलता रहा
*****************************
मैं यूं ही चलता रहा और
बस यूं ही चलता रहा
(हो सकता है इस ग़ज़ल की कुछ पंक्तियाँ "राही मासूम रज़ा" की लिखी हुई हो सकती हैं... या फिर पूरा ग़ज़ल ही उनका है... इसे अपने ब्लॉग पर लिखते वक़्त मुझे इसके रचनाकार का नाम नहीं मालूम था, उन तमाम टिप्पणीकारों का शुक्रिया जिन्होंने इसके रचयिता का नाम मुझे बताया... )

9 Responzes:

Unknown ने कहा…

bahut khoob.........

ye chalte rahne ka jazba hi khaas hai

baki aur kya hamaare paas hai

achhi kavita !

abhinandan !

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बेहतरीन...वाह!

Shishir Thakur ने कहा…

Oye Tussi Kitna Badhia Likhte ho yaar... Mujhe Coaching Doge kya... Pleaze, Pleaze Na mat karna Pyare RAMJI...

बवाल ने कहा…

अजी गौतम बाबू,

मेरी तनहाई पर मुस्कुराते रहे
मैं बहुत दूर तक बस यूं ही चलता रहा
तुम बहुत दूर तक याद आते रहे
ज़हर मिलता रहा और जाम हम पीते रहे
रोज़ ही मरते रहे और रोज़ ही जीते रहे
ज़िन्दगी भी हमें आजमाती रही
इसके बाद यह है जी:
और हम भी उसे आज़माते रहे।
अरे भैया जिन शायर का ये कलाम है कम-अज़-कम उनका आभार तो व्यक्त कर देते। अब हमसे ये ना कहना कि आपका ही है, हा हा। क्योंकि,
ये जो पब्लिक है ये सब जानती है।

वाणी गीत ने कहा…

http://notestomyself.wordpress.com/2006/11/25/ajnabi-shehar-ke-ajnabi-raste-by-salman-alvi/

http://www.youtube.com/watch?v=COeFX8VEoGg

राही मासूम राजा की यह ग़ज़ल links पर पढ़ी और सुनी भी जा सकती है ...!!

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

बेचारा राही मासूम रज़ा...कूद ही न गया हो छत से...:)

रामकृष्ण गौतम ने कहा…

Sahab Vaise Mujhe Maloom nahi tha ki ye panktiyan Kinki hain... Aur vaise bhi maine ye kahin padhi thi. Achchhi lagi islie blog par likh baitha... Kshama Chahunga...


Regards

Ram K Gautam

Shubham Jain ने कहा…

panktiya kisi ki bhi ho lekin aapki prastuti bahut sundar lagi...


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Pyar Ki Kahaniya ने कहा…

Interesting Love Poem Shared.by You. Thanks A Lot For Sharing.
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